कम्प्यूटर के पोर्ट के बारे में जानियें हिन्दी में-
कम्प्यूटर
से किसी दुसरे यंत्र को जोड़ने के लिए कनेंक्टिग केबल की आवश्यकता होती है लेकिन केबल,
कम्प्यूटर और दुसरे यंत्र में जिस स्थान पर लगाया जाता है, उसे पोर्ट कहते है । पोर्ट
से केबल जुड़ने के बाद ही कम्प्यूटर या किसी दुसरे यंत्र में धारा और डाटा का संचार
होता है। जैसें- कम्प्यूटर को प्रिन्टर से जोड़ना, कम्प्यूटर को मानिटर , माउस, कि-बोर्ड,
प्रोजेक्टर, वायोमेंट्रीक यंत्र इत्यादि से जोड़ने के लिए पोर्ट कि आवश्यकता होती है। कम्प्यूटर में ज्यादातर पोर्ट कम्प्यूटर सीपीयू के
पीछे होते है , कुछ ही पोर्ट ऐसे होते है जो कम्प्यूटर सीपीयू के आगे होते है। इसके
अलावा पोर्ट उन यंत्रो में होते है जिन्हे कम्प्यूटर सीपीयू से जोड़ना होता है।
कम्प्यूटर पोर्ट के प्रकार (Types of Computer
Port):-
कम्प्यूटर
पोर्ट दो प्रकार से प्रयोग में लाये जाते है साथ ही कम्प्यूटर पोर्ट दो प्रकार के
होते है।
फिजिकल
पोर्ट Physical Port :- फिजिकल पोर्ट का प्रयोग हम किसी भी यंत्र को
केबल के माध्यम से कम्प्यूटर से जोड़ने के लिए करते है, कुछ मुख्यतः फिजिकल पोर्ट
जैसे- पैरेलल पोर्ट Parallel port(DB25सॉकेट), सीरियल पोर्ट Serial
Port (DB9 सॉकेट), ईथरनेट पोर्ट Ethernet
Port(RJ45 सॉकेट),यूएसबी पोर्ट USB Port आदि है।
Note – सीपीयू पोर्ट से आप उन डिवाइस को अलग कर सकते
है जिनका उपयोग कम्प्यूटर में नही है और उन डिवाइस को जोड़ सकते है जिनका उपयोग
कम्प्यूटर में है यदि पोर्ट, किसी डिवाइस के लिए बना है तो उस पोर्ट में उसी
डिवाइस को लगाते है। इसका मतलब , यदी कोई पोर्ट प्रिंटर को प्लग करने के लिए बना
है तो उसमें माउस नही प्लग कर सकते है ज्यादातर पोर्ट में कौन सा डिवाइस लगेगा Symbol
द्वारा
दर्शाये गये होते है।
कम्प्यूटर के कुछ महत्वपूर्ण इनपुट /
आउटपुट
पोर्ट और इन्टरफेस (Some Important input / output
port & interface of Computer):-
सीरियल
पोर्ट (Serial Port):- इस पोर्ट का उपयोग पुराने मॉउस , मॉडेम और
प्रिन्टर को सीपीयू से जोड़ने के लिए किया जाता है। यह पोर्ट एक समय में 1 बिट
डाटा ट्रान्सफर करता है , इस पोर्ट में पॉच छिद्र ऊपर तथा चार छिद्र निचे होते है।
पैरेलल
पोर्ट (parallel port):- इस पोर्ट का प्रयोग प्रिन्टर और स्कैनर को
जोड़ने के लिए किया जाता है ,इस पोर्ट में 13 छिद्र ऊपर तथा 12 छिद्र निचे होते
है।
यूएसबी
पोर्ट (USB – Universal Serial Bus):- इस पोर्ट का प्रयोग वाह्य उपकरण External
Device (जैसे-
Mouse, Hard disk, Keyboard, Digital Camera, Bio metric
Device)इत्यादि
पेरिफेरल डिवाइस को जोड़ने के लिए किया जाता है।
यूएसबी
पोर्ट कई प्रकार के होते है
USB 1.0 इस पोर्ट के डाटा Read
& Write करने
की Speed 183 KB/S होती है।
USB 2.0 इस पोर्ट के डाटा Read
& Write करने
की Speed 480 MB/S होती है।
USB 3.0 इस पोर्ट के डाटा Read
& Write करने
की Speed 5gbps अर्थात् 640MB/S होती है।
यह
एक अल्ट्रा स्पीड है।
PS/2 (Personal System) पोर्ट :- इस पोर्ट का प्रयोग पुराने कम्प्यूटर में माउस
और कि-बोर्ड को जोड़ने के लिए किया जाता है।
VGA(Video Graphics Array) पोर्ट:- इस पोर्ट का प्रयोग मानिटर अथवा प्रोजेक्टर को
सीपीयू से जोड़ने के लिए किया जाता है।
Power connector पोर्ट:- इस पोर्ट का प्रयोग सीपीयू, मॉनिटर को पॉवर
केबल से जोड़ने के लिए किया जाता है।
Ethernet पोर्ट / RJ 45 पोर्ट:- इस पोर्ट का प्रयोग सीपीयू से LAN(Local Area Network) Cable को जोड़ने के लिए किया जाता है ताकि इन्टरनेट चलाया जा सके
Game पोर्ट:- इस पोर्ट का प्रयोग करके गेमपैड
Game pad
अथवा ज्वॉस्टिक Joystick डिवाइस को जोड़ते है।
ऑडियो पोर्ट (3.5 mm Audio Port):- इस पोर्ट का प्रयोग माइक्रोफोन अथवा स्पीकर को जोड़ने के लिए किया जाता है।
एचडीएमआई
पोर्ट (HDMI- High Definition Multimedia
Interface):-
इस
पोर्ट का प्रयोग हम कम्प्यूटर से किसी Digital
Television, Projector को जोड़ने के लिए किया जाता है।
डीवीआई
पोर्ट(DVI-Digital Visual
Interface):- इस पोर्ट का प्रयोग High
End Video Graphics Card को Flat panel LCD Monitor से जोड़ने के लिए किया जाता है।
फायर
वायर पोर्ट (Fire wire Port):- इस पोर्ट का प्रयोग Camcorder
और Video
Device को कम्प्यूटर
से जोड़ने के लिए किया जाता है।
वर्चुअल
पोर्ट (Virtual Port) :- वर्चुवल पोर्ट का प्रयोग मुख्य रुप से कम्प्यूटर नेटवर्किंग में किया जाता है। इनकी सहायता से
विभिन्न सॉफ्टवेयर अप्लीकेशन को कम्प्यूटर के हार्डवेयर पार्ट को चलाने की अनुमति
मिलती है।
जैसे:-
FTP (File Transfer Protocol), SMTP (Simple Mail Transfer Protocol), SFTP(Secure
File Transfer Protocol), NTP(Network Time Protocol), HTTP (Hyper Text Transfer
Protocol), TCP/IP (Transmission Control Protocol)/(Internet Protocol), PPTP (Point
to Point Tunneling Protocol) इत्यादि Virtual पोर्ट के उदाहरण है ।
ok ji
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