What is Computer Monitor
कम्प्यूटर मॉनिटर क्या है ?
Monitor एक ऐसा आउटपुट डिवाइस है। जिसे विजुअल डिस्प्ले यूनिट(visual Display Unit) भी कहा जाता है। यह देखने में Television की तरह होता है। Monitor एक प्रमुख आउटपुट डिवाइस है। बिना इसके कम्प्यूटर अधूरा होता है। यह आउटपुट को अपनी स्क्रीन दिखाता है। जिसे Soft Copy भी कहते है है। Monitor द्वारा दिखाये गये रंगों के आधार पर यह तीन प्रकार के होते है।
Monitor का इतिहास:-
कार्ल फर्डिनेंड ब्रौन
(Karl Ferdinand Braun) नाम के एक जर्मन वैज्ञानिक के कारण इस तरह की निगरानी संभव थी कि 1897 में पहली कैथोड किरण ट्यूब का आविष्कार किया। जब उन्होंने पहली बार अपना उत्पाद पेश किया,
तो उसमें electrical signals के माध्यम से Graphical Image के चित्रण के लिए एक फ्लोरोसेंट स्क्रीन(
fluorescent screen) थी और इसे cathode
ray oscilloscope के रूप में भी जाना जाता था।
मोनोक्रोम (Mono-Crome):-
Mono-Crome शब्द
दो शब्दों
से मिलकर
बना है,
पहला मोनो
(Mono) अर्थात एकल
(Single) तथा दुसरा
क्रोम
(Chrome) अर्थात रंग
(Color) से मिलकर
बना है
इसलिये यह
Single Color Display भी कहा
जाता है
तथा यह
Monitor आउटपुट
को Black
& White रूप में
Display करके दिखाता
है | इस
प्रकार के
Monitor अब प्रचलन
से बाहर
है।
ग्रे-स्केल
(Gray-Scale):-
इस
प्रकार के
मॉनीटर मोनोक्रोम
जैसे ही
होते हैं
लेकिन यह
किसी भी
तरह के
Display को ग्रे-शेड्स
(Gray- Shades) में
दिखाता हैं
इस प्रकार
के मॉनीटर
ज्यादातर हैंडी
कम्प्यूटर जैसे
लैपटॉप
(Laptop) में प्रयोग
किये जाते
हैं
रंगीन
मॉनीटर
(Color Monitors):-
इस
Monitor से आप
भली-भॉति
परिचित होंगे,
ऐसे मॉनीटर
RGB (Red-Green-Blue) विकिरणों के
समायोजन के
रूप में
आउटपुट को
दिखाते है
अर्थात् इसमें
RGB Color Mode होता है और इन
Color Mode के
Color Code जैसे
(#ffcc88) से
Pixels का निर्माण
होता है,
इसी सिद्धांत
के कारण
ऐसे मॉनीटर
उच्च रेजोल्यूशन
(High Resolution) में ग्राफिक्स
(Graphics) को दिखाने
में सक्षम
होते हैं
कम्प्यूटर मेमोरी
की क्षमतानुसार
ऐसे मॉनीटर
16 से लेकर
16 लाख तक
के रंगों
में आउटपुट
दिखाने की
क्षमता रखते
हैं |
मॉनिटर
के प्रकार
(Types of Monitor):-
- CRT Monitor (Cathode Rays Tube)
- TFT Monitor (Thin Film Transistor) or Flat Panel Monitor
CRT Monitor (Cathode
Rays Tube):-
CRT
( Cathode ray tube) Monitor सबसे
ज्यादा प्रयोग
होने वाला
Output Device हैं जिसे
VDU (Visual display Unit) भी
कहते हैं
इसका मुख्य
भाग cathode Ray tube होती
हैं जिसे
Picture tube कहते हैं
अधिकतर Monitor
में picture
tube element होता
है जो
टी.वी.
सेट के
समान होता
है यही
tube CRT कहलाती
है CRT
Technology सस्ती
और उत्तम
कलर में
output देती है
CRT के
Monitor में इलेक्ट्रान
गन होता
है जो
की इलेक्ट्रान की beam
और cathode(
इलेक्ट्रान
) rays को उत्सर्जित
करती है
ये इलेक्ट्रान
beam, Electronic grid से होकर
जाती है
ताकि इलेक्ट्रान
की चाल को कम
किया जा
सके CRT Monitor की
स्क्रीन पर
फास्फोरस की
Coding की जाती
है इसलिए
जैसे ही
electronic beam (इलेक्ट्रान
का समुह) स्क्रीन से
टकराती है
तो पिक्सेल चमकने लगते
हैं और
स्क्रीन पर
Image या Layout दर्शित
होता हैं इस प्रकार
के Monitor लगभग
अब चलन
से बाहर
है इनके
स्थान पर
अब LCD तथा
LED के Monitor प्रयोग
में लाये
जाते है।
TFT Monitor (Thin Film
Transistor) or Flat Panel Monitor:-
इस
प्रकार के
Monitor काफी हल्के,
पतले और
सस्ते होते
है। CRT Monitor के
स्थान पर
अब TFT के
Monitor लगाये जाते
है। ज्यादातर
इन Monitor में
Transistor अथवा Liquid
Crystal का प्रयोग
होता है
।
Types of TFT Monitor:-
- LCD Monitor (Liquid Crystal Display)
- LED Monitor (Light Emitting Diode)
- OLED Monitor (Organic Light Emitting Diode)
LCD Monitor (Liquid
Crystal Display):-
यह
Monitor TFT का
ही एक
भाग है,
इस Monitor में
liquid के छोटे
– छोटे Crystal का
प्रयोग किया
जाता है,
इस Monitor को
छुने पर
Liquid के Crystal एक
लहर की
तरह बहते
हुये दिखाई
देते है,
यह Monitor,
CRT Monitor की
अपेक्षा कम
ऊर्जा लेता
है , और
यह कम
गर्म भी
होता है,
यह Monitor
काफी आकर्षक
होते है
।
LED Monitor (Light
Emitting Diode):-
यह
Monitor TFT का
ही एक
भाग है,
इस Monitor में
Diode का प्रयोग
किया जाता
है। ये
डायोड मॉनिटर
के चारो
तरफ लगाये
जाते है
और यही
डायोड light
को प्रकाशित
करते है,
और स्कीन
पर Image दिखाई
देती है।
TFT मॉनिटर में
LED अच्छा मॉनिटर
माना जाता
है। अब
तो ज्यादातर
LCD के स्थान
पर इसका
ही प्रयोग
किया जाता
है।
OLED Monitor (Organic
Light Emitting Diodes):-
OLED की खोज सन् 1987 में Ching W. Tang और Steven Van Slyke ने किया था तब से OLED में कई बदलाव किये गये
OLED Technology की यदि हम बात करे तो ये Corban Based Materials से बने होते है, और ये Light Emit तभी करते है जब इसमें से इलेक्ट्रीसिटी को पास
किया जाता है ये बहुत पतले, Flexible,
और rollable होते है OLED की Picture
Quality बहुत
ही अच्छी होती है जैसे- Brilliant
Color, Infinite Contrast, Fast Response Rate, और Wide viewing Angle जैसे feature उपलब्ध होते है, अक्सर इनका उपयोग अभी महगें फोन किया जा रहा है, Apple X Series, Samsung Galaxy Note 8, S10 और
इसके अलावा One
Plus के Smartphone में OLED का प्रयोग किया गया है।
Bit Mapping:-
इसके पहले जिन Monitors का उपयोग किया जाता था उनमें केवल text को हो Display कराया जा सकता था और इनकी pixel (the collection of color code) की संख्या एक limit में होती थी, जिससे Text का निर्माण किया जाता था, Graphics लाने के लिये जो Technology प्रयोग किया गया जिसमें टैक्स्ट और ग्राफिक्स दोनों को प्रदर्शित किया जा सकता हैं उसे ही बिट मैपिंग कहते है।
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