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Thursday 8 August 2019

Computer Monitor


What is Computer Monitor
कम्प्यूटर मॉनिटर क्या है ?
Monitor एक ऐसा आउटपुट डिवाइस है। जिसे विजुअल डिस्प्ले यूनिट(visual Display Unit) भी कहा जाता है। यह देखने में Television की तरह होता है। Monitor एक प्रमुख आउटपुट डिवाइस है। बिना इसके कम्प्यूटर अधूरा होता है। यह आउटपुट को अपनी स्क्रीन दिखाता है। जिसे Soft Copy भी कहते है है। Monitor द्वारा दिखाये गये रंगों के आधार पर यह तीन प्रकार के होते है।

Monitor का इतिहास:-

 कार्ल फर्डिनेंड ब्रौन (Karl Ferdinand Braun) नाम के एक जर्मन वैज्ञानिक के कारण इस तरह की निगरानी संभव थी कि 1897 में पहली कैथोड किरण ट्यूब का आविष्कार किया। जब उन्होंने पहली बार अपना उत्पाद पेश किया, तो उसमें electrical signals के माध्यम से Graphical Image के चित्रण के लिए एक फ्लोरोसेंट स्क्रीन( fluorescent screen) थी और इसे cathode ray oscilloscope के रूप में भी जाना जाता था।
मोनोक्रोम (Mono-Crome):-

Mono-Crome शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला मोनो (Mono) अर्थात एकल (Single) तथा दुसरा क्रोम (Chrome) अर्थात रंग (Color) से मिलकर बना है इसलिये यह Single Color Display भी कहा जाता है तथा यह Monitor आउटपुट को Black & White रूप में Display करके दिखाता है | इस प्रकार के Monitor अब प्रचलन से बाहर है।

ग्रे-स्केल (Gray-Scale):-

इस प्रकार के मॉनीटर मोनोक्रोम जैसे ही होते हैं लेकिन यह किसी भी तरह के Display को ग्रे-शेड्स (Gray- Shades) में दिखाता हैं इस प्रकार के मॉनीटर ज्यादातर हैंडी कम्प्यूटर जैसे लैपटॉप (Laptop) में प्रयोग किये जाते हैं

रंगीन मॉनीटर (Color Monitors):-

इस Monitor से आप भली-भॉति परिचित होंगे, ऐसे मॉनीटर RGB (Red-Green-Blue) विकिरणों के समायोजन के रूप में आउटपुट को दिखाते है अर्थात् इसमें RGB Color Mode होता है और इन Color Mode के Color Code जैसे (#ffcc88) से Pixels का निर्माण होता है, इसी सिद्धांत के कारण ऐसे मॉनीटर उच्च रेजोल्यूशन (High Resolution) में ग्राफिक्स (Graphics) को दिखाने में सक्षम होते हैं कम्प्यूटर मेमोरी की क्षमतानुसार ऐसे मॉनीटर 16 से लेकर 16 लाख तक के रंगों में आउटपुट दिखाने की क्षमता रखते हैं |

मॉनिटर के प्रकार (Types of Monitor):-

  • CRT Monitor (Cathode Rays Tube)
  • TFT Monitor (Thin Film Transistor) or Flat Panel Monitor

CRT Monitor (Cathode Rays Tube):-

CRT ( Cathode ray tube) Monitor सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला Output Device हैं जिसे VDU (Visual display Unit) भी कहते हैं इसका मुख्य भाग cathode Ray tube होती हैं जिसे Picture tube कहते हैं अधिकतर Monitor में picture tube element होता है जो टी.वी. सेट के समान होता है यही tube CRT कहलाती है CRT Technology सस्ती और उत्तम कलर में output देती है CRT के Monitor में इलेक्ट्रान गन होता है जो की इलेक्ट्रान की beam  और cathode( इलेक्ट्रान ) rays को उत्सर्जित करती है ये इलेक्ट्रान beam, Electronic grid से होकर जाती है ताकि इलेक्ट्रान की चाल को कम किया जा सके CRT Monitor की स्क्रीन पर फास्फोरस की Coding की जाती है इसलिए जैसे ही electronic beam (इलेक्ट्रान का समुह) स्क्रीन से टकराती है तो पिक्सेल चमकने लगते हैं और स्क्रीन पर Image या Layout दर्शित होता हैं इस प्रकार के Monitor लगभग अब चलन से बाहर है इनके स्थान पर अब LCD तथा LED के Monitor प्रयोग में लाये जाते है।

TFT Monitor (Thin Film Transistor) or Flat Panel Monitor:-

इस प्रकार के Monitor काफी हल्के, पतले और सस्ते होते है।  CRT Monitor के स्थान पर अब TFT के Monitor लगाये जाते है। ज्यादातर इन Monitor में Transistor अथवा Liquid Crystal का प्रयोग होता है

Types of TFT Monitor:-
  • LCD Monitor (Liquid Crystal Display)
  • LED Monitor (Light Emitting Diode)
  • OLED Monitor (Organic Light Emitting Diode)

LCD Monitor (Liquid Crystal Display):-

यह Monitor TFT का ही एक भाग है, इस Monitor में liquid के छोटेछोटे Crystal का प्रयोग किया जाता है, इस Monitor को छुने पर Liquid के Crystal एक लहर की तरह बहते हुये दिखाई देते है, यह Monitor, CRT Monitor की अपेक्षा कम ऊर्जा लेता है , और यह कम गर्म भी होता है, यह Monitor काफी आकर्षक होते है

LED Monitor (Light Emitting Diode):-

यह Monitor TFT का ही एक भाग है, इस Monitor में Diode का प्रयोग किया जाता है। ये डायोड मॉनिटर के चारो तरफ लगाये जाते है और यही डायोड light को प्रकाशित करते है, और स्कीन पर Image दिखाई देती है। TFT मॉनिटर में LED अच्छा मॉनिटर माना जाता है। अब तो ज्यादातर LCD के स्थान पर इसका ही प्रयोग किया जाता है।

OLED Monitor (Organic Light Emitting Diodes):-

OLED की खोज सन् 1987 में Ching W. Tang और Steven Van Slyke ने किया था तब से OLED में कई बदलाव किये गये
OLED Technology की यदि हम बात करे तो ये Corban Based Materials से बने होते है, और ये Light Emit तभी करते है जब इसमें से इलेक्ट्रीसिटी को पास किया जाता है ये बहुत पतले, Flexible, और rollable होते है OLED की Picture Quality बहुत ही अच्छी होती है जैसे- Brilliant Color, Infinite Contrast, Fast Response Rate, और Wide viewing Angle जैसे feature उपलब्ध होते है, अक्सर इनका उपयोग अभी महगें फोन किया जा रहा है, Apple X Series, Samsung Galaxy Note 8, S10 और इसके अलावा One Plus के Smartphone में OLED का प्रयोग किया गया है।

Bit Mapping:-

 इसके पहले जिन Monitors का उपयोग किया जाता था उनमें केवल text को हो Display कराया जा सकता था और इनकी pixel (the collection of color code) की संख्या एक limit में होती थी, जिससे Text का निर्माण किया जाता था, Graphics लाने के लिये जो Technology प्रयोग किया गया जिसमें टैक्स् और ग्राफिक्स दोनों को प्रदर्शित किया जा सकता हैं उसे ही बिट मैपिंग कहते है।

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3 comments:

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